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अग्निपथ योजना?

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केंद्र सरकार भारतीय सेना मे छोटी अवधि के लिए नियुक्तियों की एक नई योजना अग्निपथ। सरकार का कहना है कि इसका मुख्य उद्देश्य देश में बेरोज़गारी कम करना है।इस योजना के अंतर्गत प्रशिक्षण की अवधि 6 माह की होगी। भर्ती होने वाले अग्निवीरों को युद्ध के मोर्चे पर भी तैनात किया जाएगा और उनकी भूमिका किसी अन्य सैनिक से अलग नहीं होगी।  जबकि इस योजना के कारण सशस्त्र बलों की सदियों पुरानी रेजिमेंटल संरचना भी बाधित हो सकती है। प्रशिक्षण पर एक वर्ष और पूर्व-रिलीज़ औपचारिकताओं पर छह महीने के साथ, सैनिक को सेवा के लिए केवल 2.5 वर्ष मिलेंगे जो कि रेजिमेंटल लोकाचार, संबद्धता और अनुशासन को विकसित करने के लिए अपर्याप्त है,।  कुल मिलाकर लब्बोलुआब यही है कि अब सेना में भी संविदा यानि कॉन्ट्रैक्ट पर जवानों की भर्ती की जाएगी। पहली नजर में तो ऐसा लगा कि इससे बढिया और क्या। 4 साल की नौकरी और फिर 11 लाख के आसपास संयुक्त निधि। लेकिन फिर उसके बाद क्या? 25 साल की उम्र में फिर उस नौजवान के पास नौकरी खोजने की समस्या सामने होगी। अब हर कोई स्टार्टअप तो शुरू नहीं कर सकता है क्योंकि बिजनेस करने के लिए जो ...

समाज में युवाओं की भूमिका,

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    यह एक कहानी नहीं है! यह जानकी किचन की बात है! जो आज भी हमारे देश के राज्य उत्तराखंड के उधम सिंह नगर के शहर बाज़पुर में है! इस तरह के खेल के बाद भी, वे जो भी देश के लोग थे, अनाथों के अनुसार, जैसे लोग की चिन्ता है। उन्होंने कहा कि लोगों के खान-पान पर ध्यान दिया जाएगा। लोगों को भी चिंता है। घर नहीं हैं। चित्र कोई नहीं है। यह जिला उत्तराखंड उधम सिंह नगर बाज़पुर की है। खाने पर ₹5 में भोजन करने के लिए अच्छा है। यह कोई भी,जिस्मत, गुरुद्वीप, रामली है। विशेष नाम जानकी किचन है। यह संस्थान 9 अक्टूबर 2021 को लागू होगा। अब तक संस्थान का कार्य जारी है । ️ प्रतिदिन️ प्रतिदिन️ प्रतिदिन️ प्रतिदिन️ प्रतिदिन️   , इस संस्थापन में विशेषज्ञता प्राप्त है। संक्रमित व्यक्ति, संक्रमित, संक्रमित व्यक्ति, किसी भी व्यक्ति का व्यक्ति। इस संस्थापन के लिए इस प्रकार की शिक्षा का अधिकार इस संस्थान को समान रूप से पसंद था। यह संस्थान है। लोगों के लिए है।   सुबह 6:00 बजे खाना बनाना शुरू करें। कॉमिंग काम कर रहे हैं। और 6:00 बजे से 11:00 बजे तक परिवार तैयार हो जाएगा। दोपहर 1...

उत्तराखंड के मुख्यमंत्रियों का सफर 2017 से 2022 तक!

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  सबसे पहले देहरादून !    वर्तमान में यह सामान्य स्थिति में है।   यह सन 2000 से उत्तराखंड राज्य था।    लेकिन 2017 से 2022 तक   त्रिवेंद्र सिंह रावत उत्तराखंड के पूर्व कहलाने वाले हैं। 17 मार्च 2017 को उत्तराखंड त्रिवेंद्र सिंह रावत का जन्म 20 1960 में पौड़ी गढ़वाली उत्तराखंड में हुआ। दादा जी का नाम प्रताप सिंह रावत माता जी का नामप्रधारी देवी त्रिवेंद्र सिंह रावत नौसैनिक भाई-बहन था। कम त्रिवेंद्र रावत को सबसे छोटा किया गया। वेंद्र सिंह रावत ने हेमवती नंदन बहुविकल्पी गढ़वाल विश्वविद्यालय से कंप्यूटर प्राप्त किया। बाद में बाद में चले गए। उनकी पत्नी का नाम सुनिता रावत एक बार फिर से चालू है। त्रिवेंद्र सिंह रावत का राजनयिक सफर 1969 से शुरू हुआ। १९८५ में भारत के स्वास्थ्य बने। 1997 में युवा प्रदेश संगठन महामंत्री बने। 2002 विधानसभा चुनाव में मतदान से जीत। 17 मार्च 2017 को उत्तराखंड के 1460 दिन तक. बजे 9 मार्च 2021 की शाम को।                    पूर्व मुख्यमंत्री= त्रिवेंद्र सिंह राव...